मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने पार्टी के इस फैसले पर अपनी सहमति जाहिर कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि उन्हें भोपाल या विदिशा से मैदान में उतारा जा सकता है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला पार्टी लेगी।
दरअसल, इसके पूर्व इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारना चाहती है। लेकिन खुद शिवराज सिंह चौहान ने इस खबर का खंडन कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वे मध्यप्रदेश की स्थानीय राजनीति में संतुष्ट हैं और केंद्रीय राजनीति में नहीं आना चाहते हैं। सोमवार को दिल्ली पहुंचे शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर अपने उसी पुराने स्टैंड को दोहराया और कहा कि सिर्फ तीन महीने पहले ही उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा है। वे इस समय भी बुधनी से मौजूदा विधायक हैं। ऐसे में वे कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।
लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने पार्टी के इस फैसले पर अपनी सहमति जाहिर कर दी है। इस बाबत सोमवार दोपहर उनकी मुलाकात पार्टी संगठन महामंत्री रामलाल से भी हुई है। जानकारी के मुताबिक उन्हें इस बात का आश्वासन दिया गया है कि जब भी स्थानीय राजनीति की जरूरत होगी, उन्हें मध्यप्रदेश की सेवा करने का अवसर दिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी ने जिस प्रकार 75 वर्ष की आयु को लोकसभा चुनाव लड़ाने का आधार बनाया है, उससे पार्टी के कई दिग्गजों का राजनीतिक जीवन दांव पर लग गया है। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र जैसे नेताओं के बाद अब यह तलवार इंदौर के आठ बार प्रतिनिधित्व कर चुकी सुमित्रा महाजन पर गिर सकती है। 12 अप्रैल 1943 को जन्मीं सुमित्रा महाजन अब 75 साल की हो चुकी हैं। इस सीट पर भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार को घोषणा नहीं की है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इंदौर से अब स्थानीय मेयर मालिनी गौड़ को मैदान में उतारा जा सकता है।